Monday, May 13, 2013


आज सुबह की ख़ुशबू के एहसास से भरा हुआ दिन है,
पर क्यूँ हर दिन यही लगता, कि बस गुज़रा हुआ दिन है?
लगा कभी कि सिलवटों से भरी है सारी उम्मीदें,
और यूँ कि शिकन तक भी नहीं है एहसास में!!!
कुछ दूर उसके साथ चलते अचानक एक मोड़ पर, लगा,
अकेले अब कहाँ जाएँ, कि खुद भी हम अपने साथ नहीं!!
इश्क करने पर दिल को ये एहसास और इल्म हुआ है कि
दुश्मनी मेहरबान होकर निभती है,
दिल लगाने के बाद!!
इन गलियों में उम्मीद से परे ‘वो रात के सन्नाटे’,,,
मुझको इस बात का रोज़ एहसास दिलाते, कि.....
अब रोज़ कौन इस घर की देखभाल करे,,,
जहाँ जब चाहे ख़्वाब चूर चूर हो जाते !!!!!!!!!!!!!!!



8 comments:

  1. Yeh tanhaai ka ehsaas lajawab hai ritu...Bohat khoob

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  2. tanha dil tanha safar dhunde tujhe fir kyu nazar...

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  3. मधुमिता शर्माMay 14, 2013 at 3:47 PM

    ह्रदय और अंतर्मन के चीत्कार की अभिव्यक्ति अति उत्तम शब्दों के साथ!!!
    साधुवाद! साधुवाद!! साधुवाद!!!

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  4. Yet again! Very Very emotional expression....carry on..and on..
    It is very fond to see emotional expressive side of yours. I am learning to live life once again....

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  5. "Aaina dekh kar ye tasal li hui ,
    humko is ghar me janta hai koi .......... !!!!
    tanha na hoti tou itna khoosurat kaise likhti ,aajkal sab tanha hai.....bohat khoob ritu

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    1. exactly,...somewhere, somehow....related n hits also anyone;s life....!!!!!!!,so enjoy n feel the words.........dear!!!!!!!

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  6. Koi to baat hai dil mein aur itni gehri hai,
    Teri hansi teri ankhon tak nahi pohanchti...!!

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