वो ख्यालों के पल में
एहसास-ए-रूबरु होके आना...;
'और दस्तक दिए बग़ैर..,,'कब छम से उड जाना...;
उस पल से हर पल..'ज़िंदा हकीकत होती ये ज़िंदगी!!
ना जाने क्यूँ एक निग़ाह को हरदम तलाशती हुई ..;
बिखरी, तन्हा, उन तरसती तमन्नाओ के साथ...;
पाने की चाहत.,'कभी खोने के मलाल जैसी ये ज़िंदगी!
आने-जाने की 'दो तारीखों..,'एक मुक्क्मल डर लिए;
लगता है,,'यूँ ही कहीं फ़िक़र-ए-फ़नाह ना हो जाए....;
'और दस्तक दिए बग़ैर..,,'कब छम से उड जाना...;
उस पल से हर पल..'ज़िंदा हकीकत होती ये ज़िंदगी!!
ना जाने क्यूँ एक निग़ाह को हरदम तलाशती हुई ..;
बिखरी, तन्हा, उन तरसती तमन्नाओ के साथ...;
पाने की चाहत.,'कभी खोने के मलाल जैसी ये ज़िंदगी!
आने-जाने की 'दो तारीखों..,'एक मुक्क्मल डर लिए;
लगता है,,'यूँ ही कहीं फ़िक़र-ए-फ़नाह ना हो जाए....;
..ख़ुशनुमा नज़ारों से..,,'ज़न्नत भरी ये ज़िंदगी!!!
नहीं अब तमम्ना कि यादों के पुल और ढोता चलूँ..;
जो पीछे रह गए रहगुज़र ,पुकारता उनको अब चलूँ..;
अरमानों के सफ़र में..,कहीं फिर ना ठहर जाए ये ज़िंदगी!!
भूले से ग़र..,सुकूनी हवाओं का रुख़ कभी हो मेरी तरफ....;
'उम्मीदों से परे..रहेगा उसी एक झोंके का इंतज़ार...;
उसी पल में उस एहसास की इबादत करने लगेगी ये ज़िंदगी!!!
नहीं अब तमम्ना कि यादों के पुल और ढोता चलूँ..;
जो पीछे रह गए रहगुज़र ,पुकारता उनको अब चलूँ..;
अरमानों के सफ़र में..,कहीं फिर ना ठहर जाए ये ज़िंदगी!!
भूले से ग़र..,सुकूनी हवाओं का रुख़ कभी हो मेरी तरफ....;
'उम्मीदों से परे..रहेगा उसी एक झोंके का इंतज़ार...;
उसी पल में उस एहसास की इबादत करने लगेगी ये ज़िंदगी!!!
hamesha ki tarah ....
ReplyDeletezindagi ki sukhad aur dukhad ghatnaoon aur bhawanaoon ka sampoorna mishran..
ati uttam ritu ji.
ishwar aapko isi tarah likhne ki himmat deta rahe.
aur aap hamesha yunhi zindagi ko mehsoos aur bayan karti rahen........
Thanks Paathak ji,...shukriya nirantar jurney ke liye aur saarahnaa ke liye...!
DeleteRegds
जीवन की यथार्थपूर्ण भावनाओं के वर्णन के बाद सुखानुभुतियों की प्रतीक्षा का भावनात्मक काव्यात्मक वर्णन बहुत सुन्दर बन पड़ा है..... आनेकानेक साधुवाद...
ReplyDeleteHello Ritu,,,Sundar abhivaykti hai,,,ichchhaon aur zindgi ki,...iske liye ek word use karungi...'AAMEEN'!! keep it up. on
ReplyDeleteek hi baat kahunga... choti si nazam k sath.: k..
ReplyDeleteGuzar Toh Jayegi Zindagi Uss Ke Bagair Bhi Lekin
Tarasta Rahega Dil Pyar Karne Waalon Ko Dekh Kar
Bahut Umdaa Gauri,...wahhh!!!
DeleteUs taras ke baad, hathon ki lakeeron ke izaafy hain gawaah
MaiNe bhi pather ki tarah Khud ko tarasha hai bahut!!
So,,ultimatley credit goes to that pain,...jo sakht banatey hain....
well,,thanks for being regular wid posts.