शब्द….,जो ज़हन में रखकर
करते रहते हैं हलचल,,,
हलचल एक उस बहती नदी की तरह
कितना शोर होता है उसमें,,,,,
उस शोर से डरने लगा हूँ।।।।
मैं अब कुछ कहने से क़तराने लगा हूँ
बिना कहे भी तो बहुत कुछ होता है
जो चुपचाप अंदर बहता है
जिसमें बीती हवाओं की रुख़ से,
करते रहते हैं हलचल,,,
हलचल एक उस बहती नदी की तरह
कितना शोर होता है उसमें,,,,,
उस शोर से डरने लगा हूँ।।।।
मैं अब कुछ कहने से क़तराने लगा हूँ
बिना कहे भी तो बहुत कुछ होता है
जो चुपचाप अंदर बहता है
जिसमें बीती हवाओं की रुख़ से,
...एक हरी-सी शाख़ रहती है;
चुपचाप उस हवा की खुशबु तरह शांत,सोम्य,
जो सिर्फ,एक यकीं ,एक एहसास लिए ..;
...आँखों में,,नूर दे जाता है
चुपचाप उस हवा की खुशबु तरह शांत,सोम्य,
जो सिर्फ,एक यकीं ,एक एहसास लिए ..;
...आँखों में,,नूर दे जाता है
नूर,‘एक सुकून का,'एक अनकही ख़ामोशी का;
'उम्मीदों से परे, तमाम लकीरों के इज़ाफ़े लिए
फ़िर , अब शब्दों से ही होगा सिर्फ खेलना,,,
क्यूंकि,मैं अब कुछ कहने से डरने लगा हूँ…..!!!
फ़िर , अब शब्दों से ही होगा सिर्फ खेलना,,,
क्यूंकि,मैं अब कुछ कहने से डरने लगा हूँ…..!!!
बिना कहे भी तो बहुत कुछ होता है
ReplyDeleteजो चुपचाप अंदर बहता है
चुपचाप उस हवा की खुशबु तरह शांत,सोम्य,
जो सिर्फ,एक यकीं ,एक एहसास लिए ..
एक सुकून का,'एक अनकही ख़ामोशी का;
Ultimate
Thanks for your appreciation
DeleteKeep in touch 🙏🏻
शब्द….,जो ज़हन में रखकर
ReplyDeleteकरते रहते हैं हलचल,,,
हलचल एक उस बहती नदी की तरह
कितना शोर होता है उसमें,,,,,
उस शोर से डरने लगा हूँ।।।।
मैं अब कुछ कहने से क़तराने लगा हूँ
अद्भुत,,,,मन की हलचल,,,जल की कलकल,,का शोर----- शांत मन में इतनी हलचल।।।।
सब कुछ कह कर भी कहना कि डर लगता है।।।।अद्भुत अभिव्यक्ति है उद्विग्न भाव की।।।।अद्भुत।।।
Thanks Anurag.
ReplyDeleteYour appreciation alwz motivated my thoughts��������
Badiya
ReplyDeleteBhut khoob 🤗😘😘
ReplyDeleteKya khoob kya khoob .....wah
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