जब आता था 'जन्मदिन मेरा,,तो 'वो मुझे बहुत याद करती थी,
लाखों बार ,दुआएं,,सदाएं,,,शुकराना,..कभी वो अदा करती थी.!!
लाखों बार ,दुआएं,,सदाएं,,,शुकराना,..कभी वो अदा करती थी.!!
शुकराना यूँ,’कि, उसको 'माँ' खिताब..पहले मैने नवाज़ा था .,
वक़्त रुक जाता था,'जब वो जी भर के उस दिन गले लगाती थी
ये सब सोच ,जाने कहाँ से..दो आंसू मेरे जन्मदिन पे छलक आये
…..कि वो अच्छी 'माँ अब कहाँ से लाएँ..????
...यूँ तो दिल को समझाने के लिए,... वो हर तरफ मुकरर है !!!;
...यूँ तो दिल को समझाने के लिए,... वो हर तरफ मुकरर है !!!;
…फिर ना जाने क्यूँ ,भारी मन से बार बार वही ख्याल आयें..???.
काश! उम्मीदों से परे ख्वाब में ही सही,'छूकर मुझे फिर बहला दे..
"देख, मैं आस-पास ,यहीं -कहीं हूँ,..'यही,,,,यकीं दिला दे,'..?????
तभी,अपने कानो में; माँ' सुनते ही जैसे सारे मरहम कब धुल गए;
कब उन बीती यादों को मुस्कराहट भरे,अरमानो के पर लग गए.!!
..जैसे ही ‘माँ ‘अक्स में कब वो आकर मुझसे सिमट गए,,,;
..जैसे ही ‘माँ ‘अक्स में कब वो आकर मुझसे सिमट गए,,,;
कब 'उसको शुकराना में ,'एक बार फिर, मेरे आंसू दोबारा छलक गए..
I think, at a child's birth, if a mother could ask a fairy godmother to endow it with the most useful gift, that gift should be curiosity.
ReplyDeleteHi,..Gauri,...thanks for your wishes from "DWARKADHEESH"...I am really blessed....n for lovely comment....be in touch further
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ReplyDeleteHappy Birth Day!!!
ReplyDeleteIt is a very emotional outburst of motherly feelings. My heartiest congratulations for writing so emotionally. May God Bless you All the Happiness in the world and nourish your writing skills which are blossoming like Spring Season.
Thanks Anurag,....for ur wishes.....!!! be in touch further...
Deleteritu ye jo tamanna hai maa ko pane ki ye kabhi khtam nahi hogi ,pata nahi kahan chali gai maa….. bohat zarurat thi hai rahegi maa ki kami koi poori nahi kar sakta ………umeedon se pare kash ek baar aa jae pyari maa…..ritu bohat khoob likha …aansoo yahan bhi chalak gae….
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