Monday, November 18, 2013

आज ज़र्ज़र हालत में एक ख़त,’वो सूखा गुलाब मिला;
वो बिखरी सी ‘एक ख्वाहिश,’.कुछ याद दिला गया!!
कभी
 
मोहब्ब्त में उसने  किये थे जो हमसे वादे,,,
आज पछताते हैं,,'जाने क्यों उन पर बेधड़क ऐतबार किया?
ना  चाहते हुए भी , जिन वादों को भूल ना पाये हम;
फ़क़त,,
'
तन्हा, ‘.खुद से ही सिर्फ इंतज़ार किया ??
एक वफ़ा  की चाहत में  ज़ख्मी हुई कितनी वफ़ाएँ अपनी;
मासूम
 
सा लफ्ज़ है मोहब्ब्त,’सदायें ना जाने कितनी दे गया?
शौक
 
नहीं है तन्हाई का,' जिसे अब हमसफ़र बनाये हुए  हैं;
तोहफा ये बड़ी शिद्द्त से,’मोहब्ब्त में वो हमको दे गया!!
उम्मीदों  से परे’,हिम्मत नहीं इस ‘गुनाह को दोहराने की,,,;
..तौबा
 
इस दर्द से ,जो ज़िंदगी में हमे बेहाल कर गया...!!!??




10 comments:

  1. ,,feelings of love and pain simultaneously is beautifully written ,Madam.
    Regards.

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  2. Tujse Nafrat bhi bahot jaroori thiii..|
    Yeh na karta to Pyar ho jata..||

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    1. Wahh!! Speechless....Gauri...thanks for being with blog regular....

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  3. speechless hum ho jate he apke blog padh kar.... ab ye kehkar hame sarminda kar rahe ho.

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  4. मधुमिताNovember 19, 2013 at 1:40 PM

    मोहब्बत को खूबसूरत गुनाह बताने का बहुत दर्दनाक वर्णन है... जीवन के सर्वविदित पहलू को बेहतरीन शब्दों में ढालने के लिए साधुवाद...आशीर्वाद!!! जीवन के विभिन्न सोपानों की भावनाओं और घटनाओं का बहुत हृदयस्पर्शी वर्णन करने के लिए करतल ध्वनि से साधुवाद!!!

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  5. Zehar Se Zayada Khatarnaak Hai Ye Mohabbat.....
    Agar Koi Isko Chakh Le To Mar Marke Jeeta Hai...!!

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  6. always welcome.. maya.. gujarat welcomes you.. and always feel your blog's post.. touch the heart,.. its really fabb...

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