...तुम आज यहाँ होती ना जाने क्या क्या कहती..
किस किस तरह से खुद को तुमसे समझती..
,,,बहलाती,,मनवाती,,,,कि तुम हो कहाँ?
..फिर तुम कितना मुझे पुचकारती,...
कभी उल्हाने,,,तो कभी शाबाशी...
कभी ढांढस ,,,तो कभी कोहली भरती...
कहाँ गयें वो भरोसे हाथ..'कि ना जाने आज....
किस किस तरह से खुद को तुमसे समझती..
,,,बहलाती,,मनवाती,,,,कि तुम हो कहाँ?
..फिर तुम कितना मुझे पुचकारती,...
कभी उल्हाने,,,तो कभी शाबाशी...
कभी ढांढस ,,,तो कभी कोहली भरती...
कहाँ गयें वो भरोसे हाथ..'कि ना जाने आज....
..फिर आँख में दो आंसू छलक आये....
कोई ये बताये कि वो अच्छी माँ कहाँ से लाएं...?
बहुत बिखरा,,,टूटा,,,उलझा,,,कश्मकश
दर्द महसूस है आजकल...कि कहाँ हो
बस्ते से ज्यादा अब ये ज़िंदगी का सबक...
कोई ये बताये कि वो अच्छी माँ कहाँ से लाएं...?
बहुत बिखरा,,,टूटा,,,उलझा,,,कश्मकश
दर्द महसूस है आजकल...कि कहाँ हो
बस्ते से ज्यादा अब ये ज़िंदगी का सबक...
उलझता जा रहा है कि कहाँ हो...?
.उम्मीदों से भरी ये धुंदली परछाइयाँ...
और उम्मीदों से परे वो सबल तुम ..कहाँ हो,.
..सहरा में पल बीते रहे हैं इस तरह,,
वो सुकून की नींद तेरे बाद उतरी ही नहीं ....
ऐसे हसरत से आँखे तकती है आसमान को यहाँ
आजकल चैन क्यों नहीं पड़ता मुझे...कि कहाँ हो ?
क्या एक शख्स ही था ज़िंदगी में यहाँ ...
.उम्मीदों से भरी ये धुंदली परछाइयाँ...
और उम्मीदों से परे वो सबल तुम ..कहाँ हो,.
..सहरा में पल बीते रहे हैं इस तरह,,
वो सुकून की नींद तेरे बाद उतरी ही नहीं ....
ऐसे हसरत से आँखे तकती है आसमान को यहाँ
आजकल चैन क्यों नहीं पड़ता मुझे...कि कहाँ हो ?
क्या एक शख्स ही था ज़िंदगी में यहाँ ...
कि इस कश्ती को कहीं साहिल ना मिल रहा....
जो बना देती थी तूफ़ान को कभी किनारा...कहाँ हो.
सिर्फ एक पल के लिए ही सही...कि एहसास दिला दो कि तुम..यहाँ हो .
यहीं कहीं हो,,,,,क्या पता क्या खबर....;
कुछ देर ही सही बहल जाउंगी,,और चैन से सो जाउंगी....!!!
जो बना देती थी तूफ़ान को कभी किनारा...कहाँ हो.
सिर्फ एक पल के लिए ही सही...कि एहसास दिला दो कि तुम..यहाँ हो .
यहीं कहीं हो,,,,,क्या पता क्या खबर....;
कुछ देर ही सही बहल जाउंगी,,और चैन से सो जाउंगी....!!!
Umdaa,...Mamta se bhari...
ReplyDeletegood keep going..rituji
Very well expressed feelings.
ReplyDeleteMother's love is eternal.
Motherly feelings of a mother.
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये..
ReplyDeleteजो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुरायी ना सुन सके. !!!
Hi GAURI,,,,NICE LINES YOU COMMENTED,..Sirf alfaaz hi nahi,,,Maayney bhi wo hi ek shaks hai,...
Deletedo keep in touch further
बहुत ही उम्दा
ReplyDeleteThanks for appriciation Rajeev ji,,,do keep in touch further
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