इस फाल्गुन के प्रेम ,रंग और उल्लास भरे मौसम में अजीब कशिश के साथ , शिद्दत से, सिर्फ उस 'श्यामल ‘श्रीकृष्ण’
का ध्यान और नाम ही जुबां पे आता है, ….वो श्याम रंग, जो जिस पर भी चढ़ जाए तो… उतरना नामुमकिन है…,क्योंकि इन रंगों के बादल में,.. वो शोख-चंचल, अल्हढ़ बचपन और कुछ भूली बिसरी यादें … जो उम्मीदों
से परे होती हैं ,'कृष्णमय' सी प्रतीत होती हैं. ,.. कुछ पंक्तियाँ जो कभी मेरी माँ इसी ‘बाँके’ के लिए अक्सर गुनगुनाया करती थीं .....
होली के रंग, कृष्ण के संग |
बाजि बौरानि बाजि,देखने को द्वार धाईं,
बाजि अकुलानि, सुन बंसी गिरिधर की. .
बाजि नाहि बोले ,बाजि संग लागि डोले,
बाजि करत किलोले,बाजि सुधि नाहि घर की
बाजि करत किलोले,बाजि सुधि नाहि घर की
बाजि नाहि ओढ़े चीर, बाजि नाहि धरे धीर ,
बाजिन के उठे पीर, बिरह भवंर की ….
बाजि कहे बाजि बाजि,बाजि कहे कित बाजी,
बाजि कहे बन बाजि, बंसी गिरिधर की
..!!!!
होली की शुभकामनायें……………………
अति सुन्दर!!!
ReplyDeleteजीवन के रंग श्याम सलोने के संग!!!
मैं तो होली पे श्याम संग होली!!!
मन में केवल ये ही बोली...
हे श्याम अब की होली
भर दे खुशियों से सब की झोली!!!
तुम्हें मुबारक जीवन के रंग भरी होली!!!
holi khelo re bhar pichkari re.aai re aai dekho holi re.
ReplyDeleteholi ki shubhkamanai.
बहुत सुन्दर ...!!!
ReplyDeleteसभी को होली की हार्दिक शुभकामनयें ।
AAti Khoobsurat Alfas...Holi hai...Happy Holi...
ReplyDeleteHappy Holi!!! May this Holi fill all the blossoming colours of happiness in your's and all your near & dear one's life!!!
ReplyDeleteKanha ka rang hai hi aisa... Meri ek kavita yad aa ri hai mujhe... Aj me bhi kanha ban na chaha hu... Radha rani sang preet lagana chahta hu,,
ReplyDelete