‘क्यूँ ,और कैसे ,ज़हन और यादों में उतर जाते हैं वो ,,,,
….वो जिनका साथ भी मुक्कद्दर में नहीं लिखा होता !!!!
किसी ने खूब कहा है कि," मोह्ब्बत्त की गर इन्तहा नहीं कोई तो दर्द का भी हिसाब क्यूँ रखें!!!!
…क्यूँ न किसी भी दर्द को,...एक अनुभूति के साथ.,,,,उस अनकही भावनाओं के साथ ,..एक अन्त के उजाले की तरह बरकरार रखूं …क्योंकि ये दुनिया ,और उसमें भी ‘अपने …, गम तो देते हैं …पर उसमे शरीक होना तक भूल जाते हैं कभी कभी..........इस दर्द को लेकर खामखा परछायिओं के पीछे भागते रहते हैं हम...सिर्फ एक सुकून और ख़ुशी के लिए............जो कहीं न कहें हमारे अन्दर ही होता है और ढूंढते लोगों में हैं!!!. लेकिन इन सब बातो से हालात नहीं बदलते…’,, ‘हाँ’,ना चाहते हुए भी अपने ही होंसलों में भी कमी सी आ जाती है..... !
कभी कभार लगता है की बस ख़त्म हों ये सब जिंदगी में यादों और दर्द का रोज़ आना जाना ,,खुद को भी तसल्लियाँ दे-देकर हारा सा महसूस करते हैं!, पर इनके बगैर भी जीना,नामुमकिन सा लगता है ,,,,
चाहकर भी इनसे दूर होने की कोशिश करें, पर हकीकत में …औरों की तरह ,,,ये तनहा कभी नहीं छोढ़ती हैं....एक जूनून की तरह सवार रहती है दिल और दिमाग पर,....अब चाहे वो अच्छी हों या बुरी,.....! ?
मेरे बचपन की याद में मुझे अपनी "माँ" जैसा कहीं कहीं कठोर …..एकदम 'नारियल की तरह'..... नहीं बनना था, पर आज उनके जाने के बाद,,,जब मैं उनकी जगह हूँ तो जैसे की ,उनकी याद ही मेरे भीतर एक अंश बनकर रह गयी है............काफी मामलों में मैं उनकी तरह नहीं हूँ पर काफी हद्द तक मैं उनके जैसा बनना चाहती हूँ ,....किसी के दूर होने के बाद ही उसकी एहमियत का अंदाजा उसकी यादें ,बातें और उसका मौजूदगी भरा एहसास ही कराता है और जो हकीकत में उम्मीदों से परे होता है,....जो कभी एक हलकी सी मुस्कराहट या आंसुओं और दर्द के साथ महसूस होता रहता है…......
.. जिंदगी क्या है एक यादों का दरिया है
रहें कभी इन्ही यादों में ये दिल करता है.....
जिंदगी में याद के साथ ख़ुशी और गम भी ही मिले हैं,
अब गुम हो जाएँ किसी भी मोढ़ पर ये दिल करता है…..
अपना जिसे भी समझा वो ही दूर हो गया,,
अब तो हर किसी से बिछर जाने को दिल करता है..
कितने ज़ख़्म खाएं हैं सिर्फ अपनों से हमने,
अब पत्थरों से सिर्फ दिल लगाने को दिल करता है…
ये जिंदगी शायद आगे अब ना रास आएगी ,
ना जाने क्यों अब किसी और दुनिया में खो जाने को दिल करता है!!!!!!!!!!
……………………….
किसी ने खूब कहा है कि," मोह्ब्बत्त की गर इन्तहा नहीं कोई तो दर्द का भी हिसाब क्यूँ रखें!!!!
…क्यूँ न किसी भी दर्द को,...एक अनुभूति के साथ.,,,,उस अनकही भावनाओं के साथ ,..एक अन्त के उजाले की तरह बरकरार रखूं …क्योंकि ये दुनिया ,और उसमें भी ‘अपने …, गम तो देते हैं …पर उसमे शरीक होना तक भूल जाते हैं कभी कभी..........इस दर्द को लेकर खामखा परछायिओं के पीछे भागते रहते हैं हम...सिर्फ एक सुकून और ख़ुशी के लिए............जो कहीं न कहें हमारे अन्दर ही होता है और ढूंढते लोगों में हैं!!!. लेकिन इन सब बातो से हालात नहीं बदलते…’,, ‘हाँ’,ना चाहते हुए भी अपने ही होंसलों में भी कमी सी आ जाती है..... !
कभी कभार लगता है की बस ख़त्म हों ये सब जिंदगी में यादों और दर्द का रोज़ आना जाना ,,खुद को भी तसल्लियाँ दे-देकर हारा सा महसूस करते हैं!, पर इनके बगैर भी जीना,नामुमकिन सा लगता है ,,,,
चाहकर भी इनसे दूर होने की कोशिश करें, पर हकीकत में …औरों की तरह ,,,ये तनहा कभी नहीं छोढ़ती हैं....एक जूनून की तरह सवार रहती है दिल और दिमाग पर,....अब चाहे वो अच्छी हों या बुरी,.....! ?
मेरे बचपन की याद में मुझे अपनी "माँ" जैसा कहीं कहीं कठोर …..एकदम 'नारियल की तरह'..... नहीं बनना था, पर आज उनके जाने के बाद,,,जब मैं उनकी जगह हूँ तो जैसे की ,उनकी याद ही मेरे भीतर एक अंश बनकर रह गयी है............काफी मामलों में मैं उनकी तरह नहीं हूँ पर काफी हद्द तक मैं उनके जैसा बनना चाहती हूँ ,....किसी के दूर होने के बाद ही उसकी एहमियत का अंदाजा उसकी यादें ,बातें और उसका मौजूदगी भरा एहसास ही कराता है और जो हकीकत में उम्मीदों से परे होता है,....जो कभी एक हलकी सी मुस्कराहट या आंसुओं और दर्द के साथ महसूस होता रहता है…......
.. जिंदगी क्या है एक यादों का दरिया है
रहें कभी इन्ही यादों में ये दिल करता है.....
जिंदगी में याद के साथ ख़ुशी और गम भी ही मिले हैं,
अब गुम हो जाएँ किसी भी मोढ़ पर ये दिल करता है…..
अपना जिसे भी समझा वो ही दूर हो गया,,
अब तो हर किसी से बिछर जाने को दिल करता है..
कितने ज़ख़्म खाएं हैं सिर्फ अपनों से हमने,
अब पत्थरों से सिर्फ दिल लगाने को दिल करता है…
ये जिंदगी शायद आगे अब ना रास आएगी ,
ना जाने क्यों अब किसी और दुनिया में खो जाने को दिल करता है!!!!!!!!!!
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वल्लाह! सुभान अल्लाह!! सदके!!! चश्मेबद्दूर!!!!
ReplyDeleteAwesome words!!
ReplyDeletewah kya khoob likha
ReplyDeletejindgi mai jo achchi yaadai hai unhi yaadao ki duniya mai kho jaane ka dil karta hai..........................heeeeeeeeeeeena.
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