आज नींद फिर आँखों का रास्ता भूल गयी.............
आवाज़ में था एक ठहराव ,आँखों में एक नमी सी थी,,
और कहना चाह रहा था की मैने सब कुछ भुला दिया??
लगा कभी ऐसा की तमाम नींदें गिरवी रह गयी,,,,
किसी बहुत अपने के पास......... ज़रा सी मुहब्बत्
अपनापन…...उधार लिया था कभी ज़िन्दगी में !!
वो एक ख़ामोशी और खुद के इर्द-गिर्द की तन्हाई रह गयी है,
जो कुछ कहती भी नहीं और समेट कर गले लगा लेती है.!
तन्हाई और ख़ामोशी भरी रातों में अब वो नींद,
किसी बेवफा महबूबा की तरह हो गयी है…….
कम्बखत!!!.... रात भर नहीं आती.....!!!!.
लगता है की अब कोई भी हमसे ख़्वाबों की बजाय.....
तारों की बातें पूछे......क्योंकि नींद तो इन्ही में खो गयी है..!
कहूं मैं किससे की अब जिंदगी में क्या है?
ये ‘उम्मीद’ ही एक बुरी बला है...
मुझे नहीं बुरा लगता था मरना;;,,
अगर ये सिर्फ एक बार ही होता !!!!!
आवाज़ में था एक ठहराव ,आँखों में एक नमी सी थी,,
और कहना चाह रहा था की मैने सब कुछ भुला दिया??
लगा कभी ऐसा की तमाम नींदें गिरवी रह गयी,,,,
किसी बहुत अपने के पास......... ज़रा सी मुहब्बत्
अपनापन…...उधार लिया था कभी ज़िन्दगी में !!
वो एक ख़ामोशी और खुद के इर्द-गिर्द की तन्हाई रह गयी है,
जो कुछ कहती भी नहीं और समेट कर गले लगा लेती है.!
तन्हाई और ख़ामोशी भरी रातों में अब वो नींद,
किसी बेवफा महबूबा की तरह हो गयी है…….
कम्बखत!!!.... रात भर नहीं आती.....!!!!.
लगता है की अब कोई भी हमसे ख़्वाबों की बजाय.....
तारों की बातें पूछे......क्योंकि नींद तो इन्ही में खो गयी है..!
कहूं मैं किससे की अब जिंदगी में क्या है?
ये ‘उम्मीद’ ही एक बुरी बला है...
मुझे नहीं बुरा लगता था मरना;;,,
अगर ये सिर्फ एक बार ही होता !!!!!
Perfect ! 100/100
ReplyDeleteये खलिश कहां से होती जो जिगर के पार होता !
Dear Saroj ji,
DeleteGood to see your comment but I wonder whether the line is complete in itself? As far as my wisdom is concerned I could understand neither the meaning of the line nor the expressions in the line for which I am sorry to arrive at a conclusion whether it is appreciation or criticism yet again? I would feel obliged if you please let me know the exact feelings and expressions which you wanted to convey??? Please don't say that you are trying to give an example to exhibit what happens when proper words are not used to express proper expressions.
bahut khoob!!!
ReplyDeleteWhat a restless expression of sleepless nights which come in everybody's life! I am impressed! Looking forward for more description of feelings of life in everybody's life!
ReplyDeleteबहत खूब ,बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं । जब किसी की याद मन मस्तिष्क में बहुत गहरे तक घर कर लेती है तो नींद कहाँ आती है ।
ReplyDeleteदो पंक्तियाँ लिखने की कोशिश कर रहा हूँ आप को पढ़कर ।
रात भर नींद नही आई मुझे
रात भर करवटें बदलता रहा
रात भर यादों के आईने में कहीं
अक्स तेरा, टूटता रहा उभरता रहा ।
बहुत खूब !!!
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