वो ख्यालों के बादल में क्या बुन रहा था...;;;
अपने नए अल्फाजों से जिंदगी-ए-सफ़र लिख रहा था...
खुद ही के हालातों की जिसे खबर ना थी अब तक,,
औरों से अपनी सुन,,’’ परछायिओं से बचने वो चला था..!.
रोज़ टूटते कहती थी जिंदगी,'' बरबाद ना हो किसी की खातिर;
उसी कशमकश के समुन्दर को ,अब थामने वो चला था..!!
लेकर, उन्ही बीते पलों को धुंधला करने की ख्वाइश में,,,
उम्मीदों से परे,'तम्मना लिए सफ़र को पाने वो चला था..!
कभी ज़हन में रह गए जो अनकहे वफ़ा के किस्से,, .,
अब नए अंदाज़ से फिर उन्हीं का आगाज़ कर रहा था...,;
अब कभी ज़रा ना कदम डगमगाएं इस नए सफ़र में,
... जिन चाहतों के साथ रहगुज़र में ‘वो बसने चला था!!!!!!!
अपने नए अल्फाजों से जिंदगी-ए-सफ़र लिख रहा था...
खुद ही के हालातों की जिसे खबर ना थी अब तक,,
औरों से अपनी सुन,,’’ परछायिओं से बचने वो चला था..!.
रोज़ टूटते कहती थी जिंदगी,'' बरबाद ना हो किसी की खातिर;
उसी कशमकश के समुन्दर को ,अब थामने वो चला था..!!
लेकर, उन्ही बीते पलों को धुंधला करने की ख्वाइश में,,,
उम्मीदों से परे,'तम्मना लिए सफ़र को पाने वो चला था..!
कभी ज़हन में रह गए जो अनकहे वफ़ा के किस्से,, .,
अब नए अंदाज़ से फिर उन्हीं का आगाज़ कर रहा था...,;
अब कभी ज़रा ना कदम डगमगाएं इस नए सफ़र में,
... जिन चाहतों के साथ रहगुज़र में ‘वो बसने चला था!!!!!!!
Wah!! Behtareen alfaazon ke saath Salaam!!!
ReplyDeleteWah! Kya khubsurti se buna hai lafzon ko...it's great!!!!!
ReplyDelete~ Lafz ko phool banana to karishma hai Faraz
Ho na ho koi to hai teri Nigarish main Shareek ~
Wah!! khoob kaha aapney, Naveen....really appriciable n for feel the words between the lines.....n thnx for being in touch with post regular!!!
Deleteअच्छी रचना है !
ReplyDeleteWaqt rehta nahin kahi tikk karr
ReplyDeleteIski aadat bhi aadami si hai......
Wahh!!! bahut gahraai ki baat kahi,...
Deletethanks for being in touch with posts,......
परछाईयाँ, कशमकश और वफ़ा के किस्से.....और कदम न डगमगाने की तमन्ना....वाह!!! दिल को झकझोरती हुई रचना के लिए अभिनन्दन!!!
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