ये बिन मौसम बरसात ज़हन में खलिश करती है..,
अक्सर तब तन्हाई में उकसाते हैं,'मुझे भूलने वाले;
यूँ तो जो तकदीर में हो वो ज़रूर मिला है.;
क्यूँ शिकवा करते फिर लकीरों से ,'ना ये दिल जाने!उम्मीदों से परे' जिनके लिए बने किनारे तूफ़ान में,
...क्यूँ ज़हन में ना-चाहते ..’घर कर जाते हैं वो,,;
..जो इन लकीरों की तकसीम नहीं बदलने वाले!!!
ये घटती बढ़ती लकीरें हाथों की देती हरदम गवाही;
पत्थर की तरह तराशे बीते'कितने ही पल,'ना जाने
अब भी दहशत में करते हैं ‘लकीरों से हम सवाल..,
...कि किश्तों में तो खोया , कभी जो रहगुज़र रहे
कितनी टूटने की और मुसाफ़त है इनमें बाकी....'ना जाने!!
अक्सर तब तन्हाई में उकसाते हैं,'मुझे भूलने वाले;
यूँ तो जो तकदीर में हो वो ज़रूर मिला है.;
क्यूँ शिकवा करते फिर लकीरों से ,'ना ये दिल जाने!उम्मीदों से परे' जिनके लिए बने किनारे तूफ़ान में,
...क्यूँ ज़हन में ना-चाहते ..’घर कर जाते हैं वो,,;
..जो इन लकीरों की तकसीम नहीं बदलने वाले!!!
ये घटती बढ़ती लकीरें हाथों की देती हरदम गवाही;
पत्थर की तरह तराशे बीते'कितने ही पल,'ना जाने
अब भी दहशत में करते हैं ‘लकीरों से हम सवाल..,
...कि किश्तों में तो खोया , कभी जो रहगुज़र रहे
कितनी टूटने की और मुसाफ़त है इनमें बाकी....'ना जाने!!
सफ़र-ए-ज़िंदगी की गर्दिश में रहीं हरदम ये लकीरें ...
सफ़र ही सफ़र लिखा है इनमें शायद.....
.......रहनुमां रास्ता सिर्फ ‘खुदा ही जाने...!!!!!!
सफ़र ही सफ़र लिखा है इनमें शायद.....
.......रहनुमां रास्ता सिर्फ ‘खुदा ही जाने...!!!!!!
BAHUT HI SUNDAR AKAVITA MEIN KAVITA........ MANZIL PAR PAHUNCH KAR EK AUR MANZIL KI CHAAH HOGI..... AUR ISS TARAH ZINDAGI HUMESHA SAFAR HI BANKAR RAHTI HAI......... LEKIN.......!!!!!
ReplyDeleteAgree with you Rajeev ji,,...safar mein naa-kaami ke bawjood hataash nahi hona chahiye naa,...we shd believe in ourself n God alwz ...!!!
DeleteZindagi ki raah mein aage chalte jana har pal,mur ke na dekh beete hue pal
ReplyDeletejo nahin tha tera tujhe nahin mila,jo milgaya uske sath guzaar apna har pal..
Guzri Hoi Zindagi Ko Kabhi Yaad Na Ker
Taqdeer Mai Jo Likha Hai Uski Fariyaad Na Ker
Jo Hona Hai Wo Ho Ker Rahega
Tuu Fikar Mai Apni Hansi Barbaad Na Ker
Hi, Sourbh,,thanks now for being regular n appriciate it,,,,n I also thanks to catch feelings behind the words n too agree also for what you mentioned here,,,keep in touch further
ReplyDeleteLakereen jismo jaan ka ik bejod hissa hain aur kahan koi juda hua hai kisi se.
ReplyDeleteDear Ritu ji .....kiss shayar ne ksaha hai
ReplyDeleteZindagi hasin hai zindagi se pyaar karo,
Hai rat to subah ka intzar karo,
Wo pal b ayega jiska intzar hai aap ko,
Rab pr bhrosa or waqt pe aitbar rakho…!
Aap ke bhavnao k atisundar varnan k liye fir saadhuvaad....ek. Baat aur. Lekh k swath chitra apneaap mein ek poori kavita prateet ho raha hai