Friday, February 22, 2013


ज़िन्दगी  के खट्टे मीठे  पन्ने  पलटने के  बाद
आज  कुछ दिल की बात कहने क़ी  चाहत हुई है ,
उम्मीदों से परे भी है,,,, एक मेरा जहांन.....
ज़िन्दगी के वही पन्ने पलटने  के बाद मालूम  हुई है !!!

ज़िन्दगी  के  शोर  , तनहाई  और घर - घ्रिहस्थी की आपा -धापी   ,रिश्ते  नातों  की गलियों ,और  ज़िन्दगी  में  क्या  खोया क्या पाया  से आगे , सोच के रास्ते  पर  कहीं एक ऐसा  नुक्कर  आता  हैजहाँ इंसान  एकाकी  हो जाताहै , उसे सिर्फ ख़ामोशी  और तन्हाई  से ही प्यार हो जाता है .वो कभी कभार  भी भीढ़  में शामिल   नहीं होना  चाहता !!!!!! .
अपने खुद  की  ‘मै'  की कशमकश  टूट  जाती है … और  सब  शब्दों  को जोढ -तोढ़कर ,…….सब  दिल का  अंतरंग  लिखने  को मन  करता  है …………….आज  वही  सारे  शब्द  इक्कठा करने  में लगी हूँ   …ताकि वो  भी  मेरे  दिमाग की तरह उलझे ना रहे  ….जो बात बात पे  दिल -दिमाग  में  उथल -पुथल  ना मचाएँ ……जब तक  ये  कागज़  पर  नहीं उतरेंगे ,लगता  है ,….हर  वक़्त  शोर  मचाते  रहेंगे ….. क्योंकि अब  इस आसपास  के  सन्नाटे को सही  में इन  शब्दों के शोर  की भी आदत नहीं रही ,…..!!!!!!
दिल की बातें ज़ारी रहेंगी ……जिंदगी के  सारे  खट्टे  मीठे  लम्हों और तज़ुर्बों  के  साथ …. वो  लम्हें , वो     ना -उम्मीदें  ,,, जिन्होंने  अब तक  वही सवेंदल्शीलता  कायम रखी और  जीना  सिखाया ………कि उम्मीदों  के  परे भी  एक जहाँन  है ……जो  सिर्फ अब मेरा  है , …!!!!!!!!



5 comments:

  1. Ye alfaaz nahi, zindagi ki haqikat hai. Jo Panne par utri hai......Bohat khoob ;-)

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  2. is wqt ko ji kr uska manan krne k bad khud ko is mushkil daur se ubarna or ummido se pre ek jahan ki or rukh krna bohot mushkil kam he...but i wish u k vo jahan apka ho jiski apne kalpna ki he...or hr shaksh ko uska jahan mil ske

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  3. karm kiye ja fal ki ikchha mat kar hai insaan,,,

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  4. jo aap ne likha hai wo kabi na kabi kisi ki zindgi me jaroor hota hai......

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  5. लगती है जिनके दिल पर ठेस
    वो आँखों से नहीं रोते
    जो अपनों के ही न हो पाये
    वो किसी के भी नहीं होते

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